देसी घी की मदद से पाएं ग्लोइंग No Further a Mystery

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- नॉर्मल डिलिवरी के दौरान वजाइना को लुब्रीकेट (मुलायम या चिकना) रखता है.

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अच्छा पाचन अच्छे स्वास्थ्य की कुंजी है और घी आपके पेट की परत को ठीक करके स्वस्थ पाचन का समर्थन कर सकता है. ब्यूटिरिक एसिड एक शॉर्ट-चेन फैटी एसिड में समृद्ध होने के कारण, यह आंतों की कोशिकाओं को पोषण देता है.

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इसमें व्यक्ति को आँखें खोलने और बंद करने के लिए कहा जाता है. आयुर्वेद का कहना है कि यह प्रक्रिया नेत्र शक्ति को मजबूत करती है और उसमें सुधार लाती है.

लैक्टोज इनटॉलरेंट यानी दूध और दूध से बनी चीजों से एलर्जी वाले लोग इसे दाल और सब्जी में ले सकते हैं.

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कई नेत्र विकारों के लिए, घी एक तर्पणा नामक प्रक्रिया के लिए प्रयोग किया जाता है. यहां आटे के पेस्ट का मिश्रण आंख के क्षेत्र के चारों और लगाया जाता है जिसको हर्बल घी से भरा जाता है.

देसी घी बालों और त्वचा को भी नरिश्मेन्ट देता है। माॅइश्चराइज करता है, नमी देता है। सर्दियों में जब त्वचा और बाल रूखे हो जाते हैं, तब देसी घी का इस्तेमाल करके देखिए, फर्क बताने की जरूरत नहीं पड़ेगी!

खिचड़ी, तहरी, पुलाव आदि में देसी घी ऊपर से डालकर खाएं। स्वाद तो बढ़ेगा ही साथ ही हेल्थ बेनिफिट्स होंगे सो अलग।

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घी का जलन और उत्तेजना से राहत देने के लिए लगाया जाता है. बच्चों का जब कान छेदा जाता है, तब दर्द और जलन को कम करने और पियर्सिंग की प्रक्रिया को आसान करने के लिए घी सबसे पहले लगाया जाता है.

अगर आपको शरीर मे कमजोरी का अनुभव होने लगे तो,एक गिलास दूध में एक चम्मच गाय का घी और मिश्री डालकर पी लेंवे,हाथ के हतेली और पांव के तलवो में जलन होवे तो देसी घी की मालिश करने से जलन को दूर करने में सहायता मिलती है।

- कब्ज में आराम देता है. वजन घटाने में भी मदद करता है.

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